खाद्य उत्पादनों के प्रसंस्करण से किसानों को आत्मनिर्भर बनायेंगे- राज्यमंत्री श्री कुशवाह कोरोना जैसी विषम परिस्थिति में “आत्मनिर्भर भारत” की ओर कदम बढ़ाया है- राज्यमंत्री श्री परमा

शुजालपुर में उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण पर कृषक प्रशिक्षण शिविर आयोजित

शाजापुर, 29 जनवरी 2021/ खाद्य उत्पादनों के प्रसंस्करण के माध्यम से किसानों को आत्मनिर्भर बनाने का लक्ष्य राज्य सरकार ने रखा है। किसानों को कच्चे उत्पादो के प्रसंस्करण के लिए प्रोत्साहित किया जायेगा, इससे किसान आत्मनिर्भर बनेगा। यह बात प्रदेश के उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण (स्वतंत्र प्रभार) एवं नर्मदा घाटी विकास राज्यमंत्री श्री भारत सिंह कुशवाह ने आज शुजालपुर में उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण पर कृषक प्रशिक्षण शिविर में मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित करते हुए कही। इस अवसर पर प्रदेश के स्कूल शिक्षा (स्वतंत्र प्रभार) एवं सामान्य प्रशासन राज्यमंत्री श्री इंदरसिंह परमार, कलेक्टर श्री दिनेश जैन, उर्जा विकास निगम के पूर्व अध्यक्ष श्री विजेन्द्रसिंह सिसोदिया, पूर्व विधायक श्री अरूण भीमावद भी उपस्थित थे।

कृषक प्रशिक्षण शिविर को संबोधित करते हुए राज्यमंत्री श्री कुशवाह ने कहा कि राज्य की सरकार किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। किसानों को कच्चे उत्पादों के प्रसंस्करण की यूनिट लगाने के लिए प्रोत्साहित किया जायेगा। राज्य सरकार की मंशा है कि किसान केवल उत्पादनकर्ता ही बनकर न रहे, बल्कि उसके हाथ में बाजार भी रहे। इसके लिए किसान अपने द्वारा उत्पादित कच्चे खाद्य पदार्थों का प्रसंस्करण कर बाजार में उतार सकता है। किसान स्वयं दूसरों को रोजगार देने वाला भी बनेगा। राज्यमंत्री श्री कुशवाह ने कहा कि “एक फसल एक उत्पाद” के लिए शाजापुर जिले के लिए चयनित प्याज फसल के प्रसंस्करण में शुजालपुर विकासखण्ड को आदर्श बनाने के लिए चयन होने पर शुभकामनाएं दी। उन्होंने बताया कि प्रदेश के 313 विकासखण्डों में से केवल 20 विकासखण्डों का आदर्श विकासखण्ड बनाने के लिए चयन हुआ है। उन्होंने कहा कि आदर्श विकासखण्ड बनाने के लिए शुजालपुर विकासखण्ड को निर्धारित से 5 गुना अधिक बजट उपलब्ध कराया जायेगा। उन्होंने कहा कि शुजालपुर विकासखण्ड मॉडल के रूप में बने, इसके लिए दिये गये बजट से नवाचार भी किये जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि प्याज का उत्पादन बढ़ाने पर खपत कम होने से किसानों को मजबूर होकर अपने उत्पादों को औने-पौने दाम पर नहीं बेचना पड़ेगा और न ही प्याज फेंकना पड़ेगा। किसानों को प्याज के भण्डारण एवं प्रसंस्करण के लिए प्रशिक्षित कर यूनिट लगाने के लिए प्रोत्साहित करेंगे। प्रदेश में पोलिहाउस एवं नेटहाउस की चेन बढ़ाने के लिए भी काम कर रहे हैं। साथ ही उन्होंने बताया कि अब तक भण्डारगृह बनाने में बड़े व्यापारी लाभ लेते थे, किन्तु अब किसानों को भी छोटे-छोटे कोल्ड स्टोरेज बनाने के लिए अनुदान उपलब्ध कराया जायेगा। इससे किसान अपने उत्पादों को सुरक्षित रख सकेंगे और मनमाफिक मूल्य प्राप्त होने पर बाजार में विक्रय कर सकेंगे। राज्यमंत्री श्री कुशवाह ने अधिकारियो को निर्देश दिये कि आदर्श् विकासखण्ड बनाने के लिए जो भी कार्य योजना बनायी जाना है वह किसानों से पूछकर ही बनाए, इसके लिए अधिकारी गांवों में जाकर किसान चौपाल लगाए। योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए बजट की कमी नहीं रहने देंगे।

इस अवसर पर राज्यमंत्री श्री इंदरसिंह परमार ने संबोधित करते हुए कहा कि हम सौभाग्यशाली है कि कोरोना जैसी महामारी की विपरीत परिस्थितियों में हमारे प्रधानमंत्री ने आत्मनिर्भर भारत का शंखनाद किया। शुजालपुर को आदर्श विकासखण्ड के रूप में बनाने के लिए चयन होने पर उन्होंने सभी को शुभकामनाएं दी। श्री परमार ने कहा कि जिस प्रकार आज देश में परिश्रम और मेहनत से बदलाव का माहौल बना है, इससे आत्मनिर्भरता की ओर कदम बढ़ा रहे हैं। राज्य सरकार द्वारा डीबीटी के माध्यम से किसानों को उनके बैंक खाते में सीधी राशि दी जा रही है, जिसकी चर्चा चारो तरफ है। प्रदेश के मुख्यमंत्री ने किसानों को लाभांवित करने के लिए सोयाबीन के नुकसान पर राहत राशि दी है, वही मुख्यमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत पिछले वर्ष 4 हजार रूपये प्रदान किये हैं। साथ ही किसानों को सोयाबीन की फसल नुकसानी पर बीमा कंपनी से समन्वय कर बीमा राशि भी दिलायी गई है। इसके अलावा मुख्यमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत 30 जनवरी को किसानों के खाते में 2-2 हजार रूपये और ट्रांसर्फर कर दिये जायेंगे। उन्होंने कहा कि हमारे देश में कोरोना वायरस के लिए वैक्सीन बनायी है, जिसे हम मित्र देशों को भी सप्लाई कर रहे हैं। कोरोना संकट में आत्मनिर्भर भारत के तहत स्ट्रीट वेंडर्स को भी बिना ब्याज के 10 हजार रूपये का ऋण उपलब्ध कराया गया है, जिससे की वे अपने पैरों पर खड़े हो सकते हैं। मध्यप्रदेश देश में सबसे ज्यादा स्ट्रीट वेंडर्स को राशि देने वाला राज्य बन गया है। इस मौके पर उन्होंने नई शिक्षा नीति पर प्रकाश डालते हुए बताया कि विगत 4 वर्ष के मंथन के उपरांत भारत की नई शिक्षा नीति बनी है, इससे बड़ा बदलाव और परिवर्तन होगा। लोगों की इस धारणा को भी बदलेंगे कि जो कुछ किया अंग्रेजों और विदेशियों ने किया। जबकि हमारे पास ज्ञान की अमूल्य धरोहर है। उन्होंने कहा कि शिक्षा नीति में आमूलचल परिवर्तन किया गया है, जिसका ड्राफ्ट तैयार है। विद्यार्थी अपनी भाषा में शिक्षा अर्जित करेंगे।

श्री अम्बाराम कराड़ा ने संबोधित करते हुए कहा कि कृषि के क्षेत्र में प्रसंस्करण के माध्यम से किसानों में आत्मनिर्भरता आयेगी। कृषि को केन्द्र में रखकर केन्द्र एवं राज्य की सरकार काम कर रही है। उन्होंने सभी किसानों से आग्रह किया कि प्रशिक्षण प्राप्त कर उन्नत तरीके से खेती करें।

कलेक्टर श्री जैन ने “एक जिला एक उत्पाद” के लिए चयनित प्याज फसल के संबंध में बताया कि जिले में प्याज भण्डारण के लिए 200 भण्डारगृह निर्माण की डीपीआर बनायी गयी है, जिसे केन्द्र सरकार के पोर्टल पर अपलोड कर दिया गया है। प्याज की फसल के प्रसंस्करण की ईकाई लगाने के भी प्रयास किये जा रहे हैं। इस अवसर पर प्रगतिशील कृषक श्री जुझार सिंह परमार, श्री खामसिंह परमार, श्री गजेन्द्रसिंह सिसोदिया को सम्मानित किया गया। साथ ही नश्वरउत्पादों की भण्डार क्षमता में वृद्धि की योजना के अंतर्गत वर्ष 2019-20 में 50 मैट्रिक टन क्षमता के प्याज भण्डार गृह निर्मित करने वाले कृषक श्री गुरूचरण-मांगीलाल ग्राम निशाना, श्री अनिल कुमार-पर्वतसिंह ग्राम खलीलपुर, श्री ताराचंद-भागीरथ ग्राम टपका बसंतपुर तथा श्री शिवराज-पर्वतसिंह ग्राम मोरटाकेवड़ी को प्रशस्ति पत्र दिये गये। इसके पश्चात अतिथियों ने उद्यानिकी फसलों पर आधारित लगाये गये स्टाल्स का भी निरीक्षण किया।

कार्यक्रम का संचालन श्री विजयसिंह बैस एवं प्रगतिशील कृषक श्री शरद भण्डावद ने किया। इस अवसर पर पूर्व जनपद अध्यक्ष श्री केएस पाटीदार, पूर्व मंडी अध्यक्ष श्री कैलाश सोनी, जिला पंचायत सदस्य श्री नवीन शिंदे, श्री रायसिंह मैवाड़ा, पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष श्री संदीप सणस, मार्केटिंग सोसायटी अध्यक्ष श्री नरेन्द्र राजपूत, प्रभारी उपसंचालक उद्यान्न श्री मनीष चौहान, श्री जसवंद मैवाड़ा, श्री परसराम धनगर सहित गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

हृदय रोग से उपचारित बच्चे का सम्मान

स्कूल शिक्षा राज्यमंत्री श्री इंदरसिंह परमार के प्रयासो से ग्राम भैसायानागीन के एक चार माह के बच्चे जिसके दिल में छेद था, का मुंबई में सफल उपचार होने पर धन्यवाद देने आए दंपत्ति का अतिथियों ने पुष्पहार से स्वागत किया। उल्लेखनीय है कि इस बच्चे का उपचार कराने में दंपत्ति असमर्थ थे इसे देखते हुए राज्यमंत्री श्री परमार ने अपने प्रयासो से दंपत्ति को बच्चे के उपचार के लिए मुंबई भेजा और वहां के चिकित्सालय से उपचार का प्राक्कलन प्राप्त कर दो घंटे में राशि भिजवाने का काम किया था, इससे बच्चे का सफल उपचार हुआ।

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